इश्क़

29.04.2020

इस दुनिया में उनसे इज़हार-ए-इश्क़ क्या करें
बस मोहब्बत उनसे उस शिद्दत से करें
कि दास्तां सुनके इस बेआबरू दिल की
इश्क़ से हमें मोहब्बत एक बार फिर हो जाये।
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05.05.2020

इसमें गलती क्या है हमारी जो हमें इश्क़ हर बार हो जाये
जो दिल ही है कमज़ोर जो एक मीठे शब्द से पराया हो जाये
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13.05.2020

यादों की एक फेहरिस्त है जो मेरे ज़ेहन में बसर करती है
जो कभी खुशी तो कभी ग़म की अदायगी करती है
कोशिश करें भी जो इन्हें भूल के आगे बढ़ने की
थोड़ी मोहलत देकर ये ख्वाहिशों को भी आँसुओं में तब्दील कर देती है
महफ़िल-ए-नुमाईश में दिल को जब कभी रोक नहीं पाते हम
तो दिल को बेआबरू होने से पहले ये हमेशा रोक देती हैं
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14.05.2020

वो कहते हैं हमसे
हम कुछ कहते नहीं उनसे
हम कैसे कहें उनसे
बस वो ही तो हैं हम में
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वो हैं हमारे
ईमान हमारे
इबादत हमारे

जो जाएंगे वो ऐसे
बेइत्तला
बेशिक़वा

तो वो याद हमारी
कहानी हमारी
दीवानगी हमारी
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दीवानी तो दुनिया ने बुलाया हुज़ूर
हम तो बस वफादारी कर रहे थे

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01.08.2021

जब इश्क़ को हमने वहम न जाना
दोस्ती को तो हमने हर रिश्ते में पाया
सबने इश्क़ को रब का नाम दिया
पर इश्क़ को मुक़म्मल भी तो दोस्ती ने ही किया।

दोस्ती की क़वायद ही ऐसी है,
इसकी बस लत्त सी लगती है।
01.08.2021







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